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भ्रष्टाचार को दूर करो, बेहतर देश का निर्माण करो।
भ्रष्टाचार का विरोधी हर भारतवासी हो, हर भ्रष्टाचारी की सजा सिर्फ फांसी हो।
अगर भ्रष्टाचार का सामने हर कोई मौन रहेगा, तो इसके खिलाफ अभियान में कौन रहेगा।
समाज में असंतोष का वजह है, भ्रष्ट्राचार फैला हर जगह है।
देश के प्रति अपना सम्मान दिखाओ, भ्रष्टाचार रुपी इस राक्षस को मिटाओ।
भ्रष्टाचार मिटाना है, देश को तरक्की के राह पे लाना है।
देश को तरक्की की राह पर आगे बढ़ायेगे, भ्रष्टाचार को जड़ से मिटायेंगे।
आज हमें एक प्रण लेना होगा, भ्रष्टाचार से आखिरी दम तक लड़ना होगा।
अबकी बार हमने ठाना है, भ्रष्टाचार रुपी इस रावण को मिटाना है।
देश की आम जनता रही पुकार, बंद करो ये भ्रष्टाचार।
यदि हम अब भी सजग नही हुए, तो भ्रष्टाचार रुपी यह दिमक देश को खोखला कर देगा।
जब हर नागरिक जागेगा, तभी भ्रष्टाचार रुपी यह दानव देश से भागेगा।
भारत को विश्व गुरू बनाना है, भ्रष्टाचार के इस दिमक को मिटाना है।
रिश्वत लेकर देश के सम्मान को ठेस ना पहुचाओ, भ्रष्टाचार मिटाकर भारत को विकसित बनाओ।
यदि हमें भारत को विकसित राष्ट्रो के श्रेणी में लाना है तो भ्रष्टाचार का समूल विनाश आवश्यक है।
बहुत हुआ देश में हाहाकार, अबकी बार भ्रष्टाचार पर वार।
तिरंगे शान से लहरायेंगे, भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त बनायेंगे।
भ्रष्टाचार सिर्फ आम जनता के लिए नही पूरे राष्ट्र और समाज के लिए घातक है।
भला कैसे भ्रष्टाचार का यह दानव तुम्हारे राह में खड़ा हो गया, क्या यह तुम्हारे देशभक्ति से भी बड़ा हो गया।
जन-जन की बस यही पुकार, बंद करो यह भ्रष्टाचार।
रिश्वत ले-देकर तुम नादान ना बनो, भ्रष्टाचार को बढ़ाकर शहीदो का अपमान ना करो।
आओ मिलकर ले यह संकल्प, ईमानदारी का नही है दूसरा कोई विकल्प।
गया यदि धन तो कोई बात नही, यदि गया ईमान तो फिर कुछ भी साथ नही।
दो तुम अपने देशभक्ति का परिचय, भ्रष्टाचार मिटा सकते हो बस एक बार कर लो निश्चय।
चाहे हो मायाजाल या फिर हो तृष्णा, कुछ भी हो जाये पर भ्रष्टाचार के इस पाप से तुम करो घृणा।
भ्रष्टाचार के रोकथाम में अपना सहयोग देना एक सजग नागरिक का सबसे बड़ा धर्म है।
देश की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए भ्रष्टाचार को रोकना सबसे आवश्यक है।
अरे ओ नादान देशवासियों आप अपने पैरों कुल्हाड़ी ना चलाओ, रिश्वत देकर इस भ्रष्टाचार को ना बढ़ाओ।
सच्चाई के राह में तुम आगे बढ़ो, देशहित के लिए इस भ्रष्टाचार रुपी इस दानव से लड़ो।
जब देश के नागरिक ईमानदार बनेंगे तभी देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो पायेगा।
यदि हमें अपने देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करना है तो इसके लिए हमें अपने ईमान से समझौता करना छोड़ना होगा।
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है, भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।
This picture was submitted by Smita Haldankar.
Tag: Smita Haldankar