Good Morning | Birthday | Festivals | Day Wishes | God | Shayari | Quotes
Download Image
सैर कर दुनीया की गालिब,
जिन्दगानी फिर कहा,
जिन्दगानी गर रही तो,
नौजवानी फिर कहा!
मुझे ख़बर थी मेरा इन्तजार घर में रहा,
ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफ़र में रहा…
चले थे जिस की तरफ़ वो निशान ख़त्म हुआ
सफ़र अधूरा रहा आसमान ख़त्म हुआ…
एक सफ़र वो है जिस में
पाँव नहीं दिल दुखता है
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थक कर सो गई
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा.
दिल से मांगी जाए तो
हर दुआ में असर होता है,
मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं
जिनकी जिंदगी में सफ़र होता है.
मुसीबतें लाख आएंगी जिंदगी की राहों में,
रखना तू सबर,
मिल जाएगी तुझे मंजिल इक दिन
बस जारी रखना तू सफ़र.
मुकम्मल होगा सफ़र एक दिन
बस दिल में ताजा जज़्बात रखना,
तमाम मुश्किलें आएंगी लेकिन
अपने काबू में हर हालत रखना.
रहेंगे दर्द जिंदगी में
तो ख़ुशी का इंतजाम क्या होगा?
निकल पड़े हैं जो बदलने खुद को
न जाने इस सफ़र का अंजाम क्या होगा?
बीत जाएगा ये सफ़र भी दर्द की राहों का
मिलेगा साथ जब खुशियों की बाहों का,
बढ़ाते रहना कदम, मत रुकना कभी
होगा रुतबा तेरा जैसे शहंशाहों का.
इन अजनबी सी राहों में
जो तू मेरा हमसफ़र हो जाये,
बीत जाए पल भर में ये वक़्त
और हसीन सफ़र हो जाये.
मंजिल बड़ी हो तो
सफ़र में कारवां छूट जाता है,
मिलता है मुकाम तो
सबका वहम टूट जाता है.
तेरी जिंदगी की असलियत का
जब तुझ पर असर होगा,
असल में उस समय ही
शुरू तेरे जीने का सफ़र होगा.
This picture was submitted by Smita Haldankar.
Tag: Smita Haldankar