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ॐ अरुणाचलेश्वराय नमः
भगवान अरुणाचलेश्वर की कृपा से आपके जीवन में शांति, समृद्धि और संतोष का सागर हमेशा बहता रहे।🌹🙏
हे नीलकंठ महादेव, आपसे प्रार्थना है कि, जैसे आपने लोगों की रक्षा करने के लिए समुद्र से निकले विष को पी लिया था, वैसे ही कोरोनारूपी विष पीकर हमारी रक्षा करो।
ना पूछो मुझसे मेरी पहचान, मैं तो भस्मधारी हूँ,
भस्म से होता जिनका श्रृंगार, मैं उस भोलेनाथ का पुजारी हूँ।
जय भोलेनाथ
शिव सृजन है और विनाश भी,
शिव मंदिर है और शमशान भी,
शिव आदि है और अनंत भी।
ॐ नमः शिवाय
किस्मत लिखने वाले को भगवान कहते हैं,
और बदलने वाले को भोलेनाथ कहते हैं।
जय भोलेनाथ
भोले की भक्ति में मुझे डूब जाने दो
शिव के चरणों में शीश झुकाने दो
आई है शिवरात्रि मेरे भोले बाबा का दिन
आज के दिन मुझे भोले के गीत गाने दो
शिव की ज्योति से नूर मिलता है;
सबके दिलों को सुरूर मिलता है;
जो भी जाता है भोले के द्वार
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता है!
मुझमे कोई छल नही, तेरा कोई कल नही।
मौत के ही गर्भ मे, ज़िंदगी के पास हूँ।
अंधकार का आकार हूँ,प्रकाश का मै प्रकार हूँ।
मैं शिव हूँ! मैं शिव हूँ! मैं शिव हूँ!
बाबा ने जिस पर भी डाली छाया;
रातो रात उसकी किस्मत की पलट गई काया;
वो सब मिला उसे बिन मांगे ही;
जो कभी किसी ने ना पाया।
शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!
शिवोहम शिवोहम शिवोहम
यही हैं आदि और यही आह्नाद
चारों दिशाओं में आप ही आप
भूल कर भी न भूले आप को.
निराकार, ओंकार के मूल, तुरीय (तीनों गुणों से अतीत), वाणी, ज्ञान और इन्द्रियों से परे, कैलासपति, विकराल, महाकाल के भी काल, कृपालु, गुणों के धाम, संसार से परे आप परमेश्वर को मैं नमस्कार करता हूँ॥
हे धर्म ध्वज धारी, नीलकण्ठ, हलाहल विष को अपने कंठ में धारण करने वाले और दक्ष के दम्भ यज्ञ
का विनाश करने वाले आशुतोष भगवान शिव अपको नमन है।
मैं कंकर हूँ शंकर हूँ
भोला भयंकर हूँ
देवों का देव और
मैं ही तो किंकर हूँ
मैं ही हलाहल हूँ
और अमृत कुम्भ हूँ
मैं अंत हूँ आरम्भ हूँ
मैं सृष्टि का प्रारम्भ हूँ।
शिव सत्य है, शिव अनंत है,
शिव अनादि है, शिव भगवंत है,
शिव ओंकार है, शिव ब्रह्म है,
शिव शक्ति है, शिव भक्ति है।
भोलेनाथ के दरबार में दुनिया बदल जाती है
रहमत से हाथ की लकीर बदल जाती है
लेता है जो भी दिल से भोलेनाथ का नाम
एक पल में उसकी तकदीर बदल जाती है
सबसे बड़ा तेरा दरबार है,
तू ही सब का पालनहार है,
सजा दे या माफी भोलेनाथ,
तू ही हमारी सरकार है।
भोलेनाथ की बनी रहे आप पर छाया
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया
मिले आपको वो सब इस अपनी ज़िन्दगी में
जो कभी किसी ने भी ना पाया
तेरी जटाओं का एक छोटा सा बाल हूँ
तेरे होने से मैं बेमिसाल हूँ
तेरे होते मुझे कोई छू भी ना पाये
क्योंकि मेरे भोलेनाथ मैं तेरा लाल हूँ
ना पूछो मुझसे मेरी पहचान
मैं तो भस्मधारी हूँ
भस्म से होता जिनका श्रृंगार
मैं उस भोलेनाथ का पुजारी हूँ
“भगवान् शिव”
चिंतन हो सदा इस मन में तेरा,
चरणों में सदा मेरा ध्यान रहे
चाहे दुख में रहूँ चाहे सुख में रहूँ,
होंठों पे सदा तेरा नाम रहे…!
ॐ नमः शिवाय
वीभत्स हूँ…. विभोर हूँ….मै समाधी में ही चूर हूँ।