Dukh Me Sumiran Sab Kare, Sukh Me Kare Na Koi

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दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय।
जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होय ॥

अर्थ :
कबीर दास जी कहते हैं कि दुःख के समय सभी भगवान् को याद करते हैं पर सुख में कोई नहीं करता। यदि सुख में भी भगवान् को याद किया जाए तो दुःख हो ही क्यों !

This picture was submitted by Smita Haldankar.

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2 Responses on “Dukh Me Sumiran Sab Kare, Sukh Me Kare Na Koi”

Avtar singh says:

Aap yeh bahut aacha kaam kr rhi hai kripa esay he post or upload krey taan ki sakoon mil jaye.

Amol ingale says:

Supar

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