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Download Imageमुझे छाँव में रखा और खुद
जलता रहा धूप में,
मैंने देखा है एक फ़रिश्ता
मेरे पिता के रूप में.
पिता की ऊँगली पकड़कर चलो
तो हर तरफ राह ही राह होती है,
जीवन में पिता के होने से
जिंदगी कितनी बेपरवाह होती है.
दिल की दर्द छुपाकर मुस्कुराते है पापा,
कंधे पर उठाकर दुनिया दिखाते है पापा,
ना जाने कैसे मेरे कुछ कहें बिना ही
मेरे दिल की बात जान जाते हैं पापा.
छोटी सी ऊँगली पकड़कर
चलना उन्होंने सिखाया,
हमेशा आत्मविश्वास को बढ़ाया
जब-जब पिता का आशीर्वाद मैंने पाया।
मंजिल दूर और सफ़र बहुत हैं,
छोटी से जिन्दगी में फिकर बहुत हैं,
मार डालती ये दुनिया कब की हमें
लेकिन ‘पापा’ के प्यार में असर बहुत हैं.
पिता की ऊँगली पकड़कर चलो
तो हर तरफ राह ही राह होती है,
जीवन में पिता के होने से
जिंदगी कितनी बेपरवाह होती है.
पापा की वजह से फलता परिवार है,
पापा के बिना अधूरा संसार है
पापा बच्चों को देते बहुत प्यार है,
जताते नहीं वो उनका व्यवहार है।
मेरी ऊँगली पकड़कर,
मेरे पापा ने चलना सिखाया है,
अपने कंधे पर बिठाकर
पूरी दुनिया को दिखाया है,
हर दुःख, हर मुसीबत में
मैंने उन्हें अपने साथ पाया है,
शायद वक्त नहीं मिला प्यार जताने का
लेकिन पापा ने हर फर्ज निभाया है.
न हो तो रोती है जिदे,
ख्वाहिशों का ढेर होता है,
पिता हैं तो हमेशा
बच्चों का दिल शेर होता है.
पापा तो सिर्फ टोकते हैं वो प्यार नहीं करते,
उन्होंने किया ही क्या है हम बच्चे ये हैं कहते
हम समझ नहीं पाते वो कितना प्यार हैं करते,
अगर प्यार नहीं करते तो हमें बड़ा क्यों करते?
पिता को घर चलाने के लिए
सुबह-सुबह भगना पड़ता है,
बच्चे को हल्की सी बुखार हो जाएँ
तो पूरी रात जगना पड़ता है.
पिता रोटी है कपड़ा है मकान है,
पिता नन्हें से परिंदे का बड़ा आसमान है,
पिता है तो घर में प्रतिपल राग है
पिता से माँ की चूड़ी, बिंदी सुहाग है
पिता है तो बच्चों के सारे सपने है
पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने है.
पापा की डांट से डर लगता है हमें,
वो प्यार नहीं करते रहती ग़लतफहमी हमें
उनके प्यार करने का तरीका अलग है,
चिंता भरी डांट में उनके प्यार की झलक है।
पिता की मौजूदगी
सूरज की तरह होती है,
सूरज गर्म जरूर होता है
किन्तु ना हो तो अँधेरा छा जाता है.
पिता दिवस की शुभकामनाएं
पिता शब्द जिम्मेदारी का पर्याय है
पिता चाहकर भी छोड़ नहीं सकता है,
एक पिता अपने बच्चों का गुरूर होता है
जिसे कोई भी तोड़ नहीं सकता है.
बेटे होने का फ़र्ज
कभी तुम भी निभाना,
जब पिता “ना” कहे तो
उसकी मजबूरी समझ जाना।
पिता है तो जिंदगी में नूर है,
पिता से ही माँ की चूड़ी बिंदी सिन्दूर है,
पिता है तो सच सारे सपने है,
पिता है तो मेले के सारे खिलौने अपने है.
मुसीबत से बचाकर, लड़ना सिखाते है,
जीवन में शुभ-मंगल की तरह होते है,
गौर से सोचों तो पिता जिंदगी में
कर्ण के कवच-कुंडल की तरह होते है.
मुझे रख दिया छाँव में
खुद जलते रहे धूप में,
मैंने देखा है ऐसा एक फरिश्ता
अपने पिता के रूप में.
बेमतलब सी इस दुनिया में
पिता ही हमारी शान है,
किसी शख्स के वजूद की
पिता ही पहली पहचान है.
पिता एक पैर पर
दौड़ता है किस के लिए,
अपने बच्चों को उनके पैरों पर
खड़ा करने के लिए.
मुझे रख दिया छाँव में
खुद जलते रहे धूप में,
मैंने देखा है ऐसा एक फरिश्ता
अपने पिता के रूप में.
हमेशा परिस्थितयों से लड़ते रहे
पर कभी बताया नहीं,
दर्द पिता को भी होता है
पर कभी जताया नहीं।
नींद अपनी भुला के सुलाया हमकों,
आंसू अपने गिरा के हँसाया हमको,
लिए गोद में झुलाया हमको
जीवन की हर ख़ुशी से मिलाया हमकों.
This picture was submitted by Smita Haldankar.
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