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जो लड़की खुद को शिक्षित बनाएगी,
वही पूरी दुनिया को अपनी ताकत दिखाएगी.
बालिका दिन की शुभेच्छा!
“माँ चाहिए…. पत्नी चाहिए…. बहन चाहिए…. फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए ?
“चाहे मुन्ना चाहे मुनिया, एकही बच्चे की प्यारी दुनिया।
“बेटी है तो कल है।
“दहेज़ लेना देना सामाजिक अपराध है।
“लक्ष्मी-नारायण, राधे-श्याम, सीता-राम, गौरी-शंकर, – जब पुजीनीय भी पहले नारी….
फिर नर, तो फिर क्यों नहीं देते लड़कियों को जन्म का अवसर।
“बेटी हैं कुदरत का उपहार, जीने का इसको दो अधिकार।
“नारी तूही घर का गहना, तुझमे ही माँ, बीबी और बहना।
“खुशहाल बालिका भविष्य देशका।
“बहुत सरल है पेट में करना मुझ पर वार,
हिम्मत है तो ए माँ! मुझको पैदा करके मार।
“बेटी को मरवाओगे तो दुल्हन कहा से लाओगे।
“माँ चाहे तो तू मुझे प्यार ना देना, चाहे तो दुलार ना देना,
कर सको तो इतना करना जन्म से पहले मुझे मार ना देना।
बेटी बचाओ,
बेटी पढाओं.
बेटा अंश है तो बेटी वंश है,
बेटा आन है तो बेटी शान हैं.
बहुत सरल है पेट में करना मुझ पर वार,
हिम्मत है तो ऐ माँ !!! मुझको पैदा करके मार.
आपकी लालसा है बेकार,
बिन बेटी के न चले संसार.
बेटी को अधिकार दो,
बेटे जैसा प्यार दो.
बेटी को मत समझो भार,
बेटी तो है जीवन का आधार.
आओ घर-घर अलख जगायें,
कन्या संतान को गले लगायें.
हर बेटी के भाग्य में पिता होता हैं,
पर हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती हैं.
माँ चाहिए… पत्नी चाहिए… बहन चाहिए,
फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए?
बेटी को मारोगें,
तो दुल्हन कहाँ से लाओगे.
बेटी है कुदरत का उपहार,
जीने का इसको दो अधिकार.
नारी तू ही घर का गहना,
तुझमें ही माँ, बीबी और बहना.
21वीं सदी है आई,
बेटियों का दौर है लाई.
ममता का सम्मान है बेटी,
माता-पिता का मान है बेटी.
घर की चहल-पहल है बेटी,
जीवन में खिला कमल है बेटी.
ख़ुद को जागरूक बनायें,
बेटी को शिक्षित बनायें.
बेटी ईश्वर का वरदान,
बेटी के बिन जग वीरान.
बेटियों के महत्व को समझना और समझाना हैं,
भ्रूण हत्या का कलंक मिटाना हैं.
सम्मान की जहाँ बात आती हैं,
बेटियां हमेशा अपना काम बखूबी निभाती हैं.
बेटी है हमारा धन,
क्यों न उसको स्वीकारे मन.
बेटे भाग्य से होते हैं लेकिन
बेटियां सौभाग्य से होती हैं.
जिस समाज में नहीं बेटी का सम्मान,
वह समाज तो है श्मशान.
बेटी नहीं है किसी से कम,
मिटा दो अपने सारे भ्रम.
अब न बनाओ कोई नया किस्सा,
बेटियां भी होती है समाज का हिस्सा.
बेटी है जग की जननी,
हमें रक्षा अब इसकी करनी.
जो अब तक न कर सके वो करके दिखाओं,
बेटियों को खूब पढ़ाओं और शिक्षित बनाओं.
बेटी को शिक्षा और सम्मान,
देश की तरक्की में योगदान.
जो बेटे नही कर पाते वो बेटियां करके दिखाती हैं,
फिर भी समाज में न जाने क्यों सम्मान नही पाती हैं.
असम्भव को सम्भव बनाओं,
अपनी बेटी को आगे बढ़ाओं.
न जाने कितनी परियों ने मिलकर अर्जियां दी थी,
तब ईश्वर ने दुनिया को ये बेटियां दी थी.
This picture was submitted by Smita Haldankar.
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