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मंत्र “ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥” 🌹🙏
अर्थ:
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे: “हम अंजनी के पुत्र (हनुमान) का ध्यान करते हैं।”
वायुपुत्राय धीमहि: “हम वायु के पुत्र (हनुमान) का ध्यान करते हैं।”
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥: “हनुमान हमारे मन को प्रबुद्ध करें और हमें मार्गदर्शन दें।”
लाभ:
1.मानसिक शक्ति और साहस: इस मंत्र का जाप करने से हनुमान जी की तरह अटूट भक्ति और साहस की प्राप्ति होती है, जिससे मानसिक शक्ति और साहस में वृद्धि होती है।
2.विघ्नों का नाश: यह माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के मार्ग में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और उसे चुनौतियों का सामना करने का दृढ़ निश्चय मिलता है।
3.सुरक्षा: इस मंत्र का जाप करने से हनुमान जी की रक्षा करने वाली ऊर्जा प्राप्त होती है, जो नकारात्मक प्रभावों और भय से बचाती है।
4.आध्यात्मिक विकास: नियमित जाप से आध्यात्मिक विकास और प्रबोधन में सहायता मिलती है, जिससे दिव्य शक्ति से गहरा संबंध स्थापित होता है।
5.स्वास्थ्य और ऊर्जा: हनुमान जी ऊर्जा और जीवन शक्ति के प्रतीक हैं, इस कारण इस मंत्र के जाप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
इस पवित्र मंत्र की शक्ति को अपनाने से एक संतुलित, सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध जीवन जीने में मदद मिलती है। हनुमान जी की कृपा आपके मार्ग को प्रकाशमय करें। 🌹🙏
Tag: Smita Haldankar