Meerabai Ke Dohe – Manmohan Kanha Vinti Karu

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मनमोहन कान्हा विनती करूं दिन रैन
राह तके मेरे नैन
अब तो दरस देदो कुञ्ज बिहारी
मनवा हैं बैचेन
नेह की डोरी तुम संग जोरी
हमसे तो नहीं जावेगी तोड़ी
हे मुरली धर कृष्ण मुरारी
तनिक ना आवे चैन
राह तके मेरे नैन ……..

मै म्हारों सुपनमा
लिसतें तो मै म्हारों सुपनमा

अर्थ:
मीरा अपने भजन में भगवान् कृष्ण से विनती कर रही हैं कि हे कृष्ण ! मैं दिन रात तुम्हारी राह देख रही हूँ. मेरी आँखे तुम्हे देखने के लिए बैचेन हैं मेरे मन को भी तुम्हारे दर्शन की ही ललक हैं.मैंने अपने नैन केवल तुम से मिलाये हैं अब ये मिलन टूट नहीं पायेगा. तुम आकर दर्शन दे जाओं तब ही मिलेगा मुझे चैन.

This picture was submitted by Smita Haldankar.

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