Parvato Ki Rani Hai Meri Ambe Maa Bhajan Lyrics

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बड़ी वरदानी है मेरी अम्बे माँ भजन लिरिक्स

रहती है हरदम सिंह पे सवार,
नैनो से झलके ममता और प्यार,
बड़ी वरदानी है मेरी अम्बे माँ,
पर्वतो की रानी है मेरी अम्बे माँ।।
तर्ज – आने से उसके आए बहार।
द्वार साँचा माँ का,
जो भी चाहे वही आजमा लो,


शर्त है बस इतनी,
भक्ति भाव विकल होके आओ,
भक्तो पे करती दया,
सदा ही भवानी है अम्बे माँ,
पर्वतो की रानी है मेरी अम्बे माँ।
रहती है हरदम सिंह पे सवार,
नैनो से झलके ममता और प्यार,
बड़ी वरदानी हैं मेरी अम्बे माँ,
पर्वतो की रानी है मेरी अम्बे माँ।।
चढ़के ऊँचे पर्वत,
गम का मारा हुआ जो भी आया,
पाके दर्श माँ का,
सारे दुःख दर्द वो भूल जाता,
मिलता नहीं जिसको कही,
देती माँ भवानी है अम्बे माँ,
पर्वतो की रानी है मेरी अम्बे माँ।
रहती है हरदम सिंह पे सवार,
नैनो से झलके ममता और प्यार,
बड़ी वरदानी हैं मेरी अम्बे माँ,
पर्वतो की रानी है मेरी अम्बे माँ।।
आशा लेके मन में,
तेरे द्वारे अज्ञानी खड़े है,
कर दो मेहर नजर की,
भक्त सर को झुकाए खड़े है,
भटके हुए राही को,
राह दिखाती है अम्बे माँ,
पर्वतो की रानी है मेरी अम्बे माँ।
रहती है हरदम सिंह पे सवार,
नैनो से झलके ममता और प्यार,
बड़ी वरदानी हैं मेरी अम्बे माँ,
पर्वतो की रानी है मेरी अम्बे माँ।।
रहती है हरदम सिंह पे सवार,
नैनो से झलके ममता और प्यार,
बड़ी वरदानी है मेरी अम्बे माँ,
पर्वतो की रानी है मेरी अम्बे माँ।।

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