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शनि गायत्री मंत्र 🌹🙏
संस्कृत:
ॐ सूर्यात्मजाय विद्महे
मृत्युरूपाय धीमहि
तन्न: सौरिः प्रचोदयात्॥
हिंदी अनुवाद:
हम सूर्य के पुत्र (शनि देव) का ध्यान करते हैं,
जो मृत्यु के रूप में जाने जाते हैं।
वह शनि देव हमें प्रेरित और मार्गदर्शन करें।
व्याख्या:
1.ॐ: यह मूल ध्वनि है, जो ब्रह्मांड और अंतिम सत्य का प्रतिनिधित्व करती है।
2.सूर्यात्मजाय विद्महे: हम सूर्य के पुत्र (शनि देव) का ध्यान करते हैं।
3.मृत्युरूपाय धीमहि: जो मृत्यु के रूप में जाने जाते हैं, हम उनका ध्यान करते हैं।
4.तन्न: सौरिः प्रचोदयात्: वह शनि देव हमें प्रेरित और मार्गदर्शन करें।
यह मंत्र शनि देव का शक्तिशाली आह्वान है, जो उनकी कृपा और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। इस मंत्र का उच्चारण शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने और जीवन में सुरक्षा, अनुशासन और न्याय लाने में सहायक माना जाता है।
𝐈𝐦𝐚𝐠𝐞𝐬 𝐂𝐫𝐞𝐝𝐢𝐭 – 𝐒𝐦𝐢𝐭𝐚@𝐬𝐦𝐢𝐭𝐜𝐫𝐞𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧.𝐜𝐨𝐦
शनि देव की कृपा से आपको शक्ति और मार्गदर्शन प्राप्त हो। 🌹🙏
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