Shanti Prarthana

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शांति प्रार्थना
“सुखी बसे संसार सब, दुखिया रहे न कोई।
है अभिलाषा हम सब की, भगवन पूरी होय॥
विद्या, बुद्धि, तेज बल सबके भीतर होय।
धन, धान्य, सुख से वंचित रहे न कोय॥
आपकी की भक्ति-प्रेम से मन होवै भरपूर।
राग द्वेष से चित मेरा कोसों भागे दूर॥
मिले भरोसा आपका हमें सदा जगदीश।
आशा तेरे नाम की बनी रहे मम ईश॥
पाप से हमें बचाइये कर के दया दयाल।
अपना भक्त बनाए के सबको करो निहाल॥
दिल में दया उदारता , मन में प्रेम अपार।
हृदय में धीरज वीरता , सबको दो करतार ॥
हाथ जोड़ विनती करूँ सुनिये कृपानिधान।
साधु संगत सुख दीजिये, दया धर्म का दान॥”

This picture was submitted by Smita Haldankar.

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