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एहि सूर्य! सहस्त्रांशो! तेजो राशे! जगत्पते!
अनुकम्प्यं मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर!
अर्थ- हे सहस्त्रांशो! हे तेजो राशे! हे जगत्पते!
मुझ पर अनुकंपा करें। मेरे द्वारा श्रद्धा-भक्तिपूर्वक दिए गए
इस अर्घ्य को स्वीकार कीजिए, आपको बारंबार शीश नवाता हूं।
This picture was submitted by Sunil Sharma.
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