महक उठी है फ़ज़ा पैरहन की ख़ुशबू से
चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है
ईद मुबारक।
तुझ को मेरी न मुझे तेरी ख़बर जाएगी
ईद अब के भी दबे पाँव गुज़र जाएगी
ईद मुबारक।
तुम बिन चाँद न देख सका टूट गई उम्मीद
बिन दर्पन बिन नैन के कैसे मनाएँ ईद
ईद मुबारक।
माह-ए-नौ देखने तुम छत पे न जाना हरगिज़
शहर में ईद की तारीख़ बदल जाएगी
ईद मुबारक।
मिल के होती थी कभी ईद भी दीवाली भी
अब ये हालत है कि डर डर के गले मिलते हैं
ईद मुबारक।
वादों ही पे हर रोज़ मिरी जान न टालो
है ईद का दिन अब तो गले हम को लगा लो.
ईद मुबारक।
तेरे कहने पे लगायी है यह मेहँदी मैंने,
ईद पर अब न तू आया तो क़यामत होगी।
ईद मुबारक।
ज़माने भर की ईदों से मुझे क्या मतलब,
मेरा चाँद मिल जाये, मेरी ईद हो जाये।
ईद मुबारक।
सूरज की किरणें तारों की बहार
चाँद की चाँदनी अपनों का प्यार
हर घड़ी हो ख़ुशहाल उसी तरह मुबारक हो
आपको ईद का त्योंहार ।
ईद मुबारक।
कितनी मुश्किलों से फलक पर नज़र आता है,
ईद के चाँद का अंदाज़ तुम्हारे जैसा है।
ईद मुबारक।
बता कौनसे मौसम में उम्मीद-ए-वफ़ा रखे, तुझ को जो ईद के दिन भी हम याद नहीं आये।
ईद मुबारक।
बादल से बादल मिलते है तो बारिश होती है,
दोस्त से दोस्त मिलते है तो ईद होती है।
ईद मुबारक।
उधर से चाँद तुम देखो, इधर से चाँद हम देखे,
निगाहें इस तरह टकराएं की दो दिलों की ईद हो जाएँ।
ईद मुबारक।
मेरी तमन्ना तो ना थी तेरे बगैर ईद मनाने की,
मगर, मजबूर को मजबूरियां, मजबूर कर देती है।
ईद मुबारक।
साहिब-ए-अक़ल हो आप, एक मसला तो बताओं, मैंने रुख-ए-यार नहीं देखा क्या मेरी ईद हो गई ??
ईद मुबारक।
बाकी दिनों का हिसाब रहने दो, ये बताओं ईद पे तो मिलने आओगे ना।
ईद मुबारक।
देखा ईद का चाँद तो मांगी ये दुआ रब से,
देदे तेरा साथ ईद का तोहफा समझ कर।
ईद मुबारक।