✐ पर्युषण का आगमन है,
धरम ध्यान की रुत है,
धरम करो कर्म को तोड़ो,
ये ही सन्देश दुनिया को दो,
“जीओ और जीने दो “
अहिंसा परमो धर्म “
जय जिनेन्द्र
✐ पर्युषण पर्व हमारे मन की शुद्धता का,
अहिंषा के मार्ग पर चलने का,
राग द्वेष मिटाने का ओर
धर्म के मार्ग पर चलने का है.
जय जिनेन्द्र.
पर्युषण महा पर्व की हार्दिक शुभकामनाये
✐ नवकार मेरी सांस है,
जैन धर्म मेरा विश्वास है,
गुरुदेव मेरे प्राण है,
मोक्ष कि मुझे तलाश है.
क्षमा पर्व पर उत्तम क्षमा
मिच्छामी दुक्क्ड़म
✐ पर्युषण – पर्व
आत्मविशुद्धि, संयम ,
त्याग और आत्मचेतना
को विकसित करने का अवसर देता है ।
पर्युषण – पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ
✐ पर्युषण – पर्व
आत्मा को परमात्मा बनाने का ,
राग पर विराग की विजय का तथा
अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का
महापर्व है ।
पर्युषण – पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ
✐ नवकार जैसा मंत्र नहीं
वीतराग जैसा देव नहीं
गौतम जैसा गुरु नहीं
अहिंसा जैसा धर्म नहीं और
पर्युषण जैसा पर्व नहीं
हैप्पी पर्युषण पर्व
✐ खिला है बाग़ जीवन का, धर्म की मेहरबानी है
मिटा दे रोग सब मन का, जगत में वीरवानी है
पर्युषण पर्व की आप सभी को शुभकामनाएं
जागने की बेला है, आज आपने को जगा लो
धर्म समंदर में आप डुबकी सब लगा लो
वक़्त को कह कर भी रुक नहीं पाया कोई
चंद घड़ियाँ शेष है, सफल जीवन को बना लो
आइये हम इन्हीं शुभ विचारों के साथ पर्व पर्युषण की आराधना करे
✐ पर्युषण पुरुषार्थ का पर्व है
दुसरे पर्व भोग के पर्व हैं
यह त्याग का पर्व है
मन से, वचन से और काय से त्यागने का पर्व
सब मिलजुल कर इसे मनाएं
पर्युषण पर्व की हार्दिक शुभकामनाये
✐ ये पर्व हमारे मन की शुद्धता का
अहिंसा के मार्ग पर चलने का
राग द्वेष मिटाने का और
धर्म के मार्ग पर चलने का
जय जिनेन्द्र
पर्युषण पर्व की हार्दिक शुभकामनाये
✐ फूल कभी दो बार नहीं खिलता
जनम कभी दो बार नहीं मिलता
यूँ मिलाने को मिल जाते है जनम हज़ारों
मगर जैन धर्म बार बार नहीं मिलता
पर्युषण पर्व की हार्दिक शुभकामनाये