तू ये मत समझ तुझ से जुदा होकर हम बहुत चैन से सोतें है, रात को तेरी तस्वीर देख कर सारी रात रोते हैं।
हमारी तो हर रात आपकी यादों में होती है,
हमारी तो हर रात चाँद सितारों से बात होती है।
अब तो ये हमारी आँखे भी हमसे सबाल करती हैं,
अब तो बस ख्यालों में ही ये रात कटती है,
जब तक हम आपको गुड नाईट न कह दे,
ये कम्बख्त नींद आने से इंकार करती है।
अब तो न दिन को करार है और न ही रात को चैन है,
अब तो बस उसकी यादों में बहते मेरी आँखों के रैन हैं।
बिन तेरे कैसे गुज़रती हैं रातें ये मैं ही जानता हूँ,
जुदाई का गम कैसे सहती है रातें ये मैं ही जानता हूँ,
किस कदर इंतज़ार में उनके हम तड़पा करते हैं,
किस कदर उनकी यादों में रोया ये मैं ही जानता हूँ।
इन आँखों में नींद तो है लेकिन अभी तक सोये नही है हम,
ये दिल रोना तो चाहता बहुत है लेकिन अभी तक रोये नही है हम,
उसकी याद आये और हम सो जाये,
इतने वेबफा होना तो चाहते है,
लेकिन अभी तक इतने वेबफा हुए नही है हम।
काश ऐसा होता मैं चाँद तू सितारा होता,
आसमान में एक आशिया हमारा होता,
ये दुनिया वाले तुझे दूर से देखा करते,
और पास से देखने का हक सिर्फ हमारा होता।
मुझे रुला कर सोना
तो तेरी आदत बन गई है
जिस दिन मेरी आँख ना खुली
तुझे निंद से नफरत हो जायेगी