✐ मुझे आदत है आपको याद करने की ऐ मेरे सावँरिया, और मैं आपको हमेशा याद करता हूँ,
पूछते है लोग कितना प्यार है तुझे सावँरिया से मैने कहा- अगर बारिश की बुँदे गिन सकते हो तो उतना।
।।जय श्री श्याम।।
✐ पट खोल दे मोरछड़ी वाले जरा,
हम अपने दिल की सुनाने आये हैं।
जरा नजरें उठा कर देख सांवरे,
तुमसे मिलने तेरे दीवाने आये हैं।।
।।जय श्री श्याम।।
✐ पूरी नहीं होती उनकी मुरादें जो साथ आया अंहकार के। लौटा नहीं वो दर से खाली जो आया है सब हार के। ।। जय श्री श्याम।।
✐ मेरी तकदीर के मालिक,मेरी तकदीर तो तुम हो।
जो उभरी है सितारो पे, मेरी तस्वीर तुम हो।
यह दौलत, यह शोहरत, सफर श्मशान तक का है।
जो आखिर साथ जाना है, असल जागीर तो तुम हो।
।। जय श्री श्याम।।
✐ रूठी थी किस्मत मेरी भी अब मेहरबान हो गयी।
श्याम के नाम से ही अब मेरी पहचान हो गयी।
खाटू नरेश की जय
।।जय श्री श्याम।।
✐ तेरे दर पर आने से पहले मैं बहुत कमजोर होता हूं। और जब छू लेता हूं तेरी चौखट, तो मैं कुछ और होता हूं।
।। जय श्री श्याम।।
✐ कोई नही है मेरी फिक्र करने वाला फिर भी बेफिक्र रहता हूँ, बस एक है मेरे ऊपर जान छिडकने वाला जिसे मैं बाबा श्याम कहता हूँ।
।।जय श्री श्याम।।
✐ अर्जियाँ कबुल करता है श्याम तुम थोडा सा धीरज धरना, धीरज का मिलता मीठा फल ये है मेरे श्याम का कहना।
।।जय श्री श्याम।।
✐ फिक्र करता है क्यूँ फिक्र से रोता है क्या रख भरोसा श्याम पर फिर देख होता है क्या
।।जय श्री श्याम।।
✐ कट जायेगा वक्त, परेशानी की क्या बात है।
श्याम की कृपा के आगे, गमों की क्या औकात है।
।।जय श्री श्याम।।
✐ बाबा तुमने अपनी आँखों में नूर छुपा रखा है,
होश वालो को दीवाना बना रखा है।
नाज कैसे न करू तुम पर प्यारे मुझ जैसे नाचीज़ को ख़ास बना रखा है।
।।जय श्री श्याम।।
✐ खाटू जब भी जाओगे, मन की मुरादे पाओगे।
सच्चा है दरबार श्याम का, भर के झोली लाओगे।
।। जय श्री श्याम।।
✐ हारे का ये साथी मेरा लखदातार है।
तीन बाण धारी श्याम विष्णु का अवतार है।।
।। जय श्री श्याम।।
✐ हाथ जोड़कर विनती करू, हे करुणामय बाबा श्याम। सुख में, दुख मे, हर घडी जपु तुम्हारा नाम।
।।जय श्री श्याम।।
✐ लोग कहते है अगर हाथों की लकीरें अधूरी हो तो किस्मत अच्छी नहीं होती लेकिन सर पर हाथ हो मेरे श्याम का तो लकीरों की जरूरत नहीं होती।
।।जय श्री श्याम।।
✐ श्री श्याम श्याम तो मैं रटुँ, श्याम है ज़ीवन प्राण श्याम भक्त जग में बड़े, उनको करू प्रणाम खाटु नगर के बीच में, बण्यो आपको धाम फाल्गुन शुक्ला मेला भरे, जय जय बाबा श्याम ।। जय श्री श्याम।।
✐ फाल्गुन में श्याम से मुलाकात होगी। जितनी मन में दबी है वो हर बात होगी। भक्तों पर श्याम कृपा की बरसात होगी। किस्मत से जो मिलेगी, वो ग्यारस की रात होगी।
।।जय श्री श्याम।।
✐ दरबार तेरा दरबारो मे एक खास अहमियत रखता है। उसको वैसा मिलता है जो जैसी नियत रखता है।
।।जय श्री श्याम।।
✐ पलके झुका के नमन करे मस्तक झुका के वंदना करे। ऐसी नज़र दे दे मेरे कान्हा जो बंद होते ही आपके दीदार करे।
।।जय श्री श्याम।।
✐ हम भी तेरी मोहनी मूर्त दिल में छिपाये बैठे है
तेरी सुन्दर सी छवि आँखों में बसाये बैठे है।
इक बार बांसुरी की मधुर तान सुना दे मेरे श्याम
हम भी एक छोटी सी आस जगाये बैठे है।
।।जय श्री श्याम।।
✐ नजर पड़ी जब श्याम की मुझ पर, तब जाके ये संसार मिला। बड़े ही भाग्यशाली है हर श्यामप्रेमी, जो उनको श्याम का प्यार मिला।।
।।जय श्री श्याम।।
✐ तेरी मोहनी सूरत को श्याम, इस दिल मे मैं बसा लूं । और इस जीवन को मैं, तेरे नाम के फूलो से सजा दूं ।। ।।जय श्री श्याम।।
✐ मन मंदिर मे तुझे बैठाकर, श्याम नित भाव की गंगा बहा दूं । कुछ ओर देने को नही है श्याम, बस भावों का भोग लगा दूं ।।
।।जय श्री श्याम।।
✐ बाबा तू ही वंदन, तू ही पूजा तेरे सिवा ना जानू दूजा, तेरे सहारे सफर ये जारी, तू ही संग रहना बस मुरारी…
।।जय श्री श्याम।।
✐ दिल की धड़कनों को थाम लो, ज़रा सब्र से तो काम लो, आ जाएगी आप के चेहरे पर मुस्कुराहट, ज़रा हौले से तो जय श्री श्याम बोल लो।
।।जय श्री श्याम।।
✐ हाथ में हाथ लिए साथ चलना बाबा, आस बस तुमसे है लाज रखना बाबा, दुनिया वाली गलियों से मुह ही मोड़ लिया, इस जग की मायानगरी से रिश्ता तोड़ लिया, नाता जोड़ लिया तुमसे नाता जोड़ लिया।।
।।जय श्री श्याम।।
✐ सच्चा है बस नाम तुम्हारा, भाव का भूखा श्याम हमारा, सच्चा हो गर भाव तुम्हारा, पुष्प से भी रीझे श्याम हमारा।
।।जय श्री श्याम।।
✐ रूठा हुआ है ,मूझसे इस बात पर जमाना, शामिल नही है मेरी फितरत मे तेरे अलावा कहीं सर झुकाना।
।।जय श्री श्याम।।
✐ हे मेरे कान्हा..दर्शन से तेरे, आँखों को आराम मिलता हैं किस्मत वालों को ही वृन्दावन धाम मिलता हैं मत करना कभी खुद से दूर मुझे, चरणों मे तेरे मुझको आराम मिलता हैं।
।।जय श्री श्याम।।
✐ चाँद पे पहुँचो या मंगल पे पहुँचो, या पहुँच जाओ सात समन्दर पार, जिन्दगी तब तक फीकी है, जब तक ना जाओ खाटु धाम।।
।।जय श्री श्याम।।