जिनके मन में हैं श्री राम, जिनके तन में हैं श्री राम
जग में सबसे हैं वो बलवान, ऐसे प्यारे न्यारे मेरे हनुमान।
जिनके सीने में श्री राम हैं, जिनके चरणों में धाम हैं
जिनके लिए सब कुछ दान हैं, अंजनी पुत्र वो हनुमान हैं.
ले दो अक्षर का नाम सफल तेरे काम भी होंगे
जहां #राम की चर्चा होगी वहां #हनुमान भी होंगे।
पहने लाल लंगोट, हाथ में हैं सोटा
दुश्मन का करते हैं नाश, भक्तों को नहीं करते निराश।
दुनिया रचने वाले को भगवान कहते हैं
और संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं.
स्वर्ग में देवता भी उनका अभिनंदन करते हैं
जो हर पल हनुमान जी का वंदन करते हैं.
कण कण में विष्णु बसें जन जन में श्रीराम
प्राणों में माँ जानकी मन में बसे हनुमान।
जिनको श्रीराम का वरदान हैं, गदा धारी जिनकी शान हैं
बजरंगी जिनकी पहचान हैं, संकट मोचन वो हनुमान हैं.
जो लेता हैं नाम बजरंग बलि का, सब दिन होते उसके एक समान
जय बजरंग बलि, जय श्री हनुमान।
ये दुनिया जो रचे वो भगवान हैं, संकट जो दूर करे वो हनुमान हैं
जिससे रूठे ये सारा संसार हैं, बजरंगी करते उससे प्यार हैं.
अर्ज़ मेरी सुनो अंजनी के लाल, काट दो मेरे घोर दुखों का जाल,
तुम हो मारुती-नन्दन, दुःख-भंजन, करूँ मैं आपको दिन रात वंदन।
हनुमान तुम बिन राम हैं अधूरे, करते तुमभक्तों के सपने पूरे
माँ अंजनी के तुम हो राजदुलारे, राम-सीता को लगते सबसे प्यारे।
करो कृपा मुझ पर है हनुमान, जीवन-भर करूँ मैं तुम्हे प्रणाम
जग में सब तेरे ही गुण गाते हैं, हरदम चरणों में तेरे शीश नवाते हैं।
हनुमान हैं राम को सबसे प्यारे, वो तो हैं भक्तों में सबसे न्यारे।
पल-भर में तुमने लंका को जलाया, श्री राम को माता सीता से मिलाया।
सबके दुःख को दूर करे वो बजरंगबली, देते सुख, करते सब भक्तों की भली.।
राम-राम हरपल वो करते जाप हैं, सकल सृष्टि के करता प्रभु आप हैं।
अंजनी के लाल मैं पानी, तुम हो चन्दन, हे महाबीर तुमको कहते दुःख-भंजन।
इस जग के नर-नारी सब शीश झुकाते हैं, नाम बड़ा है तेरा सब गुण तेरे गाते हैं।
हनुमान लिपट जाये राम के चरण में, जब कष्ट हो तब हम आये आपकी शरण में.
सीने में अपने राम को छुपा रखा हैं, हमने अपना पूरा जीवन आपको दे रखा हैं।
बजरंग जिनका नाम हैं, सत्संग जिनका काम हैं
ऐसे हनमंत लाल को मेरा बारम्बार प्रणाम हैं.
आया जन्म दिवस राम भक्त हनुमान का, अंजनी के लाल का, पवन पुत्र हनुमान का
बोलो सब मिलकर जयकार हनुमान की, सबको बधाई हो जन्म दिवस हनुमान की
मेरे बजरंगी अब तो कर दो मेरा पार, तुम हो दुख-हर्ता कहता ये सारा संसार
सीता मैया की लंका से खबर तुम लाये, तभी तो तुम श्री राम के मन को भाये।
बजरंगी तेरी पूजा से हर काम होता हैं, दर पर तेरे आते ही दूर अज्ञान होता हैं
राम जी के चरणों में ध्यान होता हैं, इनके दर्शन से बिगड़ा हर काम होता हैं.
हे हनुमान तुम हो सबसे बेमिसाल, तुमसे आँख मिलाये किसकी हैं मजाल
सूरज को पल में निगला अंजनी के लाल, मूरत तेरी देखकर भाग जाये काल
मेरे दुश्मन कहते हैं तेरे पास ऐसा क्या हैं, जिससे तेरे नाम का इतना आतंक हैं
मैंने कहा भाई मेरा दिल नरम हैं, दिमाग गरम हैं बस बाकी सब, मेरे बजरंगबली का करम हैं.
चरण शरण में आयें के धरु तिहारो ध्यान
संकट से रक्षा करो हे महावीर हनुमान।
सदा पूरी तुम मेरी हर इक आस करना, हनुमान बाबा मुझे न निराश करना
तेरी भक्ति से आत्मा को मिलता आराम हैं, सबसे बड़ा मन्त्र जय हनुमान जय श्री राम हैं.
जला दी लंका रावण की, मैया सीता को लाये तुम, पड़ी जब मुश्किल राम में, लक्ष्मण को बचाए तुम
अब आ भी जाओ पवन पुत्र हम तुम्हे बुलाते हैं, अब तो दे दो दर्शन भगवन, ज्योत हम जलाते हैं.
भीड़ पड़ी तेरे भक्तों पर बजरंगी, सुन लो अर्ज़ अब तो दाता मेरी
हे महावीर अब तो दर्शन दे दो, पूरी कर दो तुम कामना मेरी।
बोले-बोले हैं हमसे हनुमान, बोलो भक्तों मिलकर जय-सिया राम
दुनिया रचने वाला भगवान हैं, संकट हरने वाला हनुमान हैं.
बजरंगी तेरी पुजा से हर काम होता हैं, दर पर तेरे आते ही दूर अज्ञान होता हैं
राम जी के चरणों में ध्यान होता हैं, इनके दर्शन से बिगड़ा हर काम होता हैं.
हनुमान हैं नाम महान, हनुमान करे बेड़ा पार
जो जपता हैं नाम हनुमान, होते सब दिन एक समान।
निराश मन में आशा तुम जागते हो, राम जी के नाम को सबको सुनाते हो
पर्वत जैसी निश्चलता है अंदर तुम्हारे, नर्म धूप की कोमलता है अंदर तुम्हारे।
जोड़े हाथ हम खड़े हैं बनके भिखारी, करो करुणा बजरंगी आये शरण तिहारी
तुमको सब कहते बाबा संकटमोचन क्यू कि तुम हो बजरंगी दुखभंजन।
हनुमान का जहाँ पल पल गुणगान हैं, चढाने से सिन्दूर उनको हर काम होता हैं
हैं भरोसा जिनको अंजनी दुलारे का वो करते भजन हनुमान प्यारे का.
पैरों में बांधे घुँघरू नाचे हनुमान, कहते हैं सब लोग इनको श्री राम का दीवाना
जहाँ भी होता है कीर्तन प्रभु श्री राम का, वहीँ लगता है पहरा हमारे वीर हनुमान का.
राम का हूँ भक्त मैं, रूद्र का अवतार हूँ, अंजनी का लाल हूँ मैं, दुर्जनों का काल हूँ
साधुजन के साथ हूँ मैं, निर्बलो की आस हूँ, सद्गुणों का मान हूँ मैं, हां मैं हनुमान हूँ.
पवन पुत्र जिनका नाम हैं, तिरुपति जिनका धाम हैं
स्वामी जिनके राम हैं, बड़े वो भक्त महान हैं.