इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िन्दगी के दो जहाँ है,
इश्क़ मेरा रूह तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी सारी ज़िन्दगी,
मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है।
फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,
मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,
मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है!
शुक्रिया ऐ दोस्त मेरी ज़िन्दगी में आने के लिए,
हर लम्हे को इतना खूबसूरत बनाने के लिए,
तू है तो हर ख़ुशी पर मेरा नाम लिख गया है,
शुक्रिया मुझे इतना खुशनसीब बनाने के लिए।