Dosti Par Shayaro Ki Shayari

दोस्ती पर शायरों की शायरी

दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से

हफ़ीज़ होशियारपुरी

दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं
दोस्तों की मेहरबानी चाहिए

अब्दुल हमीद अदम

इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले

कैफ़ भोपाली

मेरे दोस्तों की पहचान इतनी मुशिकल नहीं “फराज”
वो हँसना भूल जाते हैं मुझे रोता देखकर

अहमद फ़राज़

दुश्मनी जम कर करो मगर इतना याद रहे
जब भी फिर दोस्त बन जाये, शर्मिन्दा न हो

बशीर बद्र

यह चन्द लमहे जो गुजरे तेरी रफाकत में
न जाने वह कितने वर्ष काम आयेंगे

(रफाकत = दोस्ती, मैत्री, मोहब्बत)

अज्ञात

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