Guru Purnima Shayari

Guru Purnima Shayari
शांति का पढ़ाया पाठ
अज्ञानता का मिटाया अंधकार
गुरु ने सिखाया हमें
नफरत पर विजय हैं प्यार
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं

गुरु से भेद न मानिये, गुरु से रहें न दूर।
गुरु बिन ‘सलिल’ मनुष्य है, आँखें रहते सूर।।
शुभ गुरु पूर्णिमा!

माटी से मूरत गढ़े, सद्गुरु फूंके प्राण।
कर अपूर्ण को पूर्ण गुरु, भव से देता त्राण।।
शुभ गुरु पूर्णिमा!

संस्कार की सान पर, गुरु धरता है धार।
नीर-क्षीर सम शिष्य के, कर आचार-विचार।।
शुभ गुरु पूर्णिमा!

गुरु को पारस जानिए, करे लौह को स्वर्ण।
शिष्य और गुरु जगत में, केवल दो ही वर्ण।।
शुभ गुरु पूर्णिमा!

गुरु है गंगा ज्ञान की, करे पाप का नाश।
ब्रम्हा-विष्णु-महेश सम, काटे भव का पाश।।
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें

आरूणि की गुरुभक्ति से
हमने शिक्षा पाई है
कबीर जैसे महान संत ने
गुरु की महिमा गाई है
शुभ गुरु पूर्णिमा

गुरुवर के चरणों में रहकर
हमने शिक्षा पाई है
गलत राह पर भटके जब हम
तो गुरुवर ने राह दिखाई है
शुभ गुरु पूर्णिमा

गुरु आपके उपकार का
कैसे चुकाऊँ मैं मोल
लाख कीमती धन भला
गुरु हैं मेरा अनमोल
हैप्पी गुरु पूर्णिमा

आपसे से सीखा और जाना
आप को ही गुरु माना
सीखा सब आपसे हमने
कलम का मतलब भी आपसे जाना
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं

माता-पिता ने जन्म दिया पर
गुरु ने जीने की कला सिखाई है
ज्ञान चरित्र और संस्कार की
हमने शिक्षा पाई है
शुभ गुरु पूर्णिमा

गुरु की महिमा है अगम, गाकर तरता शिष्य।
गुरु कल का अनुमान कर, गढ़ता आज भविष्य।।
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें

अक्षर-अक्षर हमें सिखाते शब्द-शब्द का अर्थ बताते
कभी प्यार से कभी डाँट से, जीवन जीना हमें सिखाते
हैप्पी गुरु पूर्णिमा

सही क्या है गलत क्या है ये सबक पढ़ाते है आप
झूट क्या है और सच क्या है ये बात समझाते है आप
जब सूझता नहीं कुछ भी हमको तब राहों को सरल बनाते है आप
हैप्पी गुरु पूर्णिमा

गुरु-चरणों में बैठकर, गुर जीवन के जान।
ज्ञान गहे एकाग्र मन, चंचल चित अज्ञान।।
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर
मेरे गुरु के चरणों में परनाम
मेरे गुरु जी कृपा राखियो
तेरे ही अर्पण मेरे प्राण
शुभ गुरु पूर्णिमा

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