शुभ प्रभात हिंदी शायरी
सुबह सुबह सूरज का साथ हो ,
परिंदों की आवाज हो ,
हाथ में चाय और यादो में आप हो ,
उस खुश नुमा सुबह की क्या बात हो .
गुड मॉर्निंग
शुभ प्रभात
जन्नत की महलों में हो महल आपका,
ख्वाबो की वादी में हो शहर आपका,
सितारो के आंगन में हो घर आपका,
दुआ है सबसे खूबसूरत हो हर दिन आपका…
शुभ प्रभात…!
उदास होने के लिए उम्र पड़ है,
नजर उठाओ सामने जिंदगी खड़ी है,
अपनी हँसी को होटो से न जाने देना,
क्योंकि आपकी मुस्कुराहट के पीछे दुनिया पड़ी है..
शुभ प्रभात
खुद पे भरोसा है तो, खुदा तेरे साथ है,
अपनों पे भरोसा है तो हर दुआ तेरे साथ है,
ज़िन्दगी से हार मत जाना,
ज़माना हो न हो, ये दोस्त का प्यार तेरे साथ है…
शुभ प्रभात दोस्त
“सुबह सुबह की खूबसूरत किरणें कहने लगी मुझे,
जल्दी से बाहर तो देखो मौसम कितना प्यारा है;
मैंने भी कह दिया, थोड़ी देर रुक जाओ,
पहले उसको मैसेज तो कर लूँ जो मुझे जान से प्यारा है।
सुप्रभात!”
शुभ प्रभात
सुबह सुबह ज़िन्दगी कि शुरुआत होती है;
किसी अपने से बात हो तो खास होती है;
हंस के प्यार से अपनों को शुभ दिवस बोलो तो;
खुशियाँ अपने आप हि साथ होती हैं !
पानी की बूंदे फूलों को भिगा रही हैं;
ठंडी लहरे एक ताज़गी जगा रही हैं;
हो जायें आप भी इनमें शामिल;
एक प्यारी सी सुबह आपको जगा रही है;
शुभ प्रभात
फूल बनकर मुस्कुराना ज़िन्दगी,
मुस्कुराके गम भुलाना ज़िन्दगी,
जीत कर कोई खुश हो तो क्या हुआ,
हार कर खुशिया मनाना भी ज़िन्दगी…
शुभ प्रभात..!
छोटीसी जिंदगी है हँस के जियो
भूला के गम सारे दिल से जियो
अपने लिये ना सही अपनों के लिये जियो
शुभ प्रभात
फूलो की तरह महकते रहो,
तारों की तरह चमकते रहो,
नसीब से मिली हुई जिंदगी मे,
हसो ओर हसाते रहो.
शुभ प्रभात
इन ताज़ी हवाओं में फूलों की महक हो;
पहली किरण में पंछियों की चहक हो;
जब भी खोलो आप अपनी पलकें;
उन पलकों में बस खुशियों की झलक हो।
शुभ प्रभात
गुड मोर्निंग हिंदी शायरी
जिंदगी छोटी नहीं होती हैं..
लोग जीना ही देरी से शुरू करते हैं..!
जब तक रास्ते समझ मे आते हैं;
तब तक लौटने का वक़्त हो जाता हैं
Good Morning
मान लिया है मैंने… नहीं आता
मुझे “मोहब्बत” जाताना
नादाँ तो तुम भी नहीं समझ सके
शायरियों में है जिक्र तुम्हारा
Good Morning
पलभर की भी तन्हाई तुम्हे नसीब न हो,
कोई भी गम तुम्हारे करीब ना हो,
रब तुम्हारी जिंदगी में इतनी खुशियाँ दे,
की तुमसे बढ़कर कोई खुशनसीब ना हो…
Good Morning
माना की आपसे रोज मुलाकात नही होती
माना की आपसे रोज मुलाकात नही होती,
माना की रोज आमने सामने बात नही होती,
हर सुबह आपको दिल से याद करते है,
उसके बिना हमारे दिन की शुरुवात नही होती…
सूरज निकल रहा है पूरब से,
दिन शुरू हुआ आपकी याद से,
कहना चाहते है हम आपको दिल से,
आपका दिन अच्छा जाए हमारे Good Morning से…..
तकदीर से शिकायत की नहीं जाती
जिंदगी में हर चीज़ पायी नही जाती
याद तो आपको हर पल करते है
मगर यादें कभी किसी को दिखाई नहीं जाती..
Good Morning
वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे,
दुनिया में हम खुश नसीब होंगे,
दूर से जब इतना याद करते है आपको,
क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे!!
Good Morning
पानी की बूंदे फूलों को भीगा रहीं हैं; ठंडी लहरें एक ताजगी ला रहीं हैं! हो जायें आप भी इनमें शामिल; एक प्यारी सी सुबह आपको जगा रही है! Good Morning
सितारों के बिस्तर से सूरज को जगाया है; चाँद को रात का मेहमान बनाया है; कोई इंतज़ार कर रहा है मेरे मैसेज का; ठंडी हवाओं ने मुझे अभी-अभी बताया है!
Good Morning
बिन सावन बरसात नहीं होती; सूरज डूबे बिना रात नहीं होती; क्या करें कुछ ऐसे हालात हैं; आपकी याद बिना दिन की शुरुआत नहीं होती।
Good Morning
आशाएं ऐसी हो जो-
मंझील तक ले जाएँ
मंझील ऐसी हो जो-
जीवन जीना सीखा दे,
जीवन ऐसा हो जो-
संबंधों की कदर करे,
और संबंध ऐसे हो जो-
याद करने को मजबूर करदे
Good Morning
जियो इतना की
ज़िंदगी कम पड़ जाए,
हंसो इतना की
रोना मुश्किल हो जाए,
किसी चीज़ को पाना तो
क़िस्मत की बात है,
मगर कोशिश इतनी करो की
ईश्वर देने पे मजबूर हो जाए
Good Morning
महावीर जयंती शायरी
जिसने राग द्वेष कामादिक जीते सब जग जान लिया
सब जीवोको मोक्षमार्ग का निस्पृह हो उपदेश दिया
बुध्ध, वीर, जिन, हरि, हर, ब्रम्हा, या उसको स्वाधीन कहो
भक्ति-भाव से प्रेरित हो यह चित्त उसी में लीन रहो ||
विषयो की आशा नहि जिनके साम्य भाव धन रखते हैं
निज परके हित-साधन में जो निश दिन तत्पर रहते हैं
स्वार्थ त्याग की कठिन तपस्या बिना खेद जो करते हैं
ऐसे ज्ञानी साधू जगत के दुःख समूह को हरते हैं ||
रहे सदा सत्संग उन्ही का ध्यान उन्ही का नित्य रहे हैं
उन्ही जैसी चर्या में यह चित्त सदा अनुरक्त रहे हैं
नहीं सताऊ किसी जीव को झूठ कभी नहीं कहा करू
परधन वनिता पर न लुभाऊ, संतोशामृत पीया करू ||
अहंकार का भाव न रखु नहीं किसी पर क्रोध करू
देख दुसरो की बढती को कभी न इर्ष्या भाव धरु
रहे भावना ऐसी मेरी, सरल सत्य व्यव्हार करू
बने जहा तक इस जीवन में, औरो का उपकार करू||
मैत्री भाव जगत में मेरा सब जीवो से नित्य रहे
दींन दुखी जीवो पर मेरे उर से करुना – स्रोत बहे
दुर्जन क्रूर कुमार्ग रतो पर क्षोभ नहीं मुझको आवे
साम्यभाव रखु में उन पर, ऐसी परिणति हो जावे ||
गुनी जनों को देख ह्रदय में मेरे प्रेम उमड़ आवे
बने जहाँ तक उनकी सेवा करके यह मन सुख पावे
होऊ नहीं कृतघ्न कभी में द्रोह न मेरे उर आवे
गुण ग्रहण का भाव रहे नित दृष्टी न दोषों पर जावे ||
कोई बुरा कहो या अच्छा लक्ष्मी आवे या जावे
लाखों वर्षो तक जीउ या मृत्यु आज ही आ जावे
अथवा कोई कैसा ही भय या लालच देने आवे
तो भी न्याय मार्ग से मेरा कभी न पद डिगने पावे ||
होकर सुख में मग्न न फूले दुःख में कभी न घबरावे
पर्वत नदी श्मशान भयानक अटवी से नहीं भय खावे
रहे अडोल अकंप निरंतर यह मन द्रिन्तर बन जावे
इस्ट वियोग अनिस्ठ योग में सहन- शीलता दिखलावे ||
सुखी रहे सब जीव जगत के कोई कभी न घबरावे
बैर पाप अभिमान छोड़ जग नित्य नए मंगल गावे
घर घर चर्चा रहे धर्मं की दुष्कृत दुष्कर हो जावे
ज्ञान चरित उन्नत कर अपना मनुज जन्म फल सब पावे ||
इति भीती व्यापे नहीं जग में वृष्टी समय पर हुआ करे
धर्मनिस्ट होकर राजा भी न्याय प्रजा का किया करे
रोग मरी दुर्भिक्ष न फैले प्रजा शांति से जिया करे
परम अहिंसा धर्म जगत में फ़ैल सर्व हित किया करे ||
फैले प्रेम परस्पर जगत में मोह दूर हो राह करे
अप्रिय कटुक कठोर शब्द नहीं कोई मुख से कहा करे
बनकर सब “युगवीर” ह्रदय से देशोंनती रत रहा करें
वस्तु स्वरुप विचार खुशी से सब संकट सहा करे ||
– जुगल किशोर ‘युगवीर’