दोस्तों की यादें शायरी
दोस्तों की याद हर पल सताती हैं
वो गुजरें पल वो मस्ती बहुत याद आती हैं
हम तो फिर जीना चाहतें हैं उन पलोको
पर हसीन जिंदगी फिर कहाँ लौटके आती हैं
कुछ सालों बाद न जाने क्या समां होगा
न जाने कौन दोस्त कहां होगा
फिर मिलना हुआ तो मिलेगें यादों में
जैसे सूखे गुलाब मिलते हैं किताबों में
यादों के सहारे ये दुनिया नही चलती, बिना किसी शायर के महफ़िल नहीं हिलती, एक बार पुकारो तो आएं यारो, क्योंकी दोस्तों के बिना ये धड़कने नही चलती।
काश वो पल साथ बिताए ना होते,
तो आँखों में ये आँसू आए ना होते,
जिनसे रहा ना जाए एक पल भी दूर,
काश ऐसे प्यारे दोस्त बनाए ना होते।
यादों के भंवर में एक पल हमारा हो,
खिलते चमन में एक गुल हमारा हो,
जब याद करें आप अपने दोस्तों को,
उन नामों में बस एक नाम हमारा हो।
दोस्ती का अजीब कारोबार हमने बनाया,
वो बेपरवाह सही लेकिन याद हमने किया,
वो भूल गए याद करना तो मत कहो बुरा उनको,
कसूर उनका नहीं इंतज़ार हमने किया.
मेरे अल्फाजों को इतने ध्यान से ना पढ़ो मेरे दोस्त
कुछ याद आ गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!