वो हाथ सिर पर रख दे तो आशीर्वाद बन जाता है
उसको रुलाने वाला जल्लाद बन जाता है
माँ का दिल ना दुखाना कभी
उसका तो जूठा भी प्रसाद बन जाता है.
माँ अपने बच्चों पर सब निछावर करती है
बिना लालच उन्हें प्यार करती है
भगवान का दूसरा रूप है हमारी माँ
जो हर दुख में हमारा साथ देती है.
रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँ,
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,
जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है माँ।
रब ने माँ को यह आज़मत कमाल दी
उसकी दुआ पर हर मुसीबत भी टाल दी
माँ के प्यार की कुछ इस तरह मिसाल दी
कि जन्नत उठाकर माँ के क़दमों में डाल दी
हर इंसान के ज़िन्दगी में वह सबसे ख़ास होती है
दूर होते हुए भी वह दिल के पास होती है
जिसके सामने मौत भी अपना सर झुका दे
वह और कोई नहीं बस माँ होती है
माँ ना होगी तो वफ़ा कौन करेगा
ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा
रब हर एक माँ को सलामत रखना
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा
ये जो सख्त रस्तो पे भी आसान सफ़र लगता हैं
ये मुझ को माँ की दुआओ का असर लगता हैं
एक मुद्दत हुई मेरी मां नही सोई तबिश …
मैंने एक बार कहा था के मुझे डर लगता हैं ..!!
हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है
अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है
मंजिल दूर और सफ़र बहुत है
छोटी सी जिन्दगी की फिकर बहुत है
मार डालती ये दुनिया कब की हमे
लेकिन “माँ” की दुआओं में असर बहुत है
माँ से रिश्ता ऐेसा बनाया जाए
जीसको निगाहों में बिठाया जाए
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा
के वो अगर उदास हो
तो हमसे भी मुश्कुराया न जाए….!!!