Shayari for Son
बेटे के लिए शायरी
कोई कुछ भी कहे ये बात पक्की होती हैं,
पिता की डांट में भी बेटे की तरक्की होती हैं.
बेटे पर माँ-बाप का कर्ज होता हैं,
बुढ़ापे में देखभाल करना बेटे का फ़र्ज होता हैं
जो बेटा माँ-बाप का दिल दुखायेगा,
ऐसे पापों का हिसाब कौन चुकायेगा,
बुढ़ापा सबको आती हैं ध्यान रखना
वक्त एक दिन तुम्हें भी उसी मोड़ पर लायेगा.
तुझे सूरज कहूँ या चंदा, तुझे दीप कहूँ या तारा,
मेरा नाम करेगा रौशन, जग में मेरा राज दुलारा.
ऊँगली पकड़ का माँ-बाप चलना सिखाते हैं,
उनका हाथ मत छोड़ना जब वो बूढ़े हो जाते हैं.
पिता का अभिमान होता हैं बेटा,
भले शैतान हो पर घर का जान होता है बेटा.
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