Two Line Shayari for Father

पिता के लिए शायरी

आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती.

नसीब वाले हैं जिनके सर पर पिता का हाथ होता हैं,
ज़िद पूरी हो जाती हैं सब गर पिता का साथ होता हैं.

पिता हारकर बाज़ी हमेशा मुस्कुराया,
शतरंज की उस जीत को मैं अब समझ पाया.

न हो तो रोती हैं जिदे, ख्वाहिशों का ढेर होता हैं,
पिता हैं तो हमेशा बच्चो का दिल शेर होता हैं.

ऊँगली पकड़ कर चलाते हैं पापा,
गिरने पर उठने का साहस बढ़ाते है पापा.

वहीं श्रवण कुमार बन पायेंगें,
जो पिता के एहसानों का कर्ज चुकायेंगे.

बाप बेटे में अक्सर होती हैं बात,
पर बेटे नहीं समझ पाते पिता के दिल के जज्बात.

रूठो बेशक पर मान जाओ,
पापा तो पापा होते है, ये बात जान जाओ.

बेटे होने का फ़र्ज कभी तुम भी निभाना,
जब पिता “ना” कहे तो उनकी मजबूरी समझ जाना

काश बेटे भी पिता के जज्बात समझ जाते,
बुढ़ापे में उनके हाथो की लाठी बन जाते.

बहुत मुश्किल है दुनिया में ये दो चीजें जान पाना,
माँ की ममता और पिता की क्षमता का अंदाजा लगा पाना.

सूरज और पिता का स्वभाव और गुण एक समान होता हैं,
गरम जरूर होते हैं पर न हो तो अंधियारा छा जाता हैं.

भले ही पिता का स्वभाव कड़ा होता हैं,
पर बच्चों पर उनका एहसान बड़ा होता हैं.

अपने पति में पिता के गुण ढूँढती हैं,
पिता की कीमत सिर्फ़ बेटियाँ समझती हैं.

जब भी मेरे आस-पास थकान नजर आती है,
तो काम करते मेरे पिता की तस्वीर दिखाती हैं.

बचपन की हर मुसीबत में पिता याद आते हैं,
बुढ़ापे में क्यों बेटे पिता को भूल जाते हैं.

पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं,
पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने हैं.

पिता एक पैर पर दौड़ता है किस के लिए,
अपने बच्चों को उनके पैरों पर खड़ा करने के लिए.

पिता की नजरें थोड़ी शक्की होती हैं,
पर उनके गुस्से में बेटे की तरक्की होती हैं.

Leave a comment

Statcounter