Suprabhat – Shubh Din

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गुजरी हुई जिंदगी को
कभी याद ना कर
तकदीर में जो लिखा है
उसकी फरियाद ना कर
जो होगा वो होकर रहेगा
तु कल की फिकर में
अपनी आज की हंसी बर्बाद ना कर
हंस मरते हुए भी गाता है और
मोर नाचते हुए भी रोता है.
ये जिंदगी का फंडा है
दुखो वाली रात नींद नहीं आती
“और” खुशी वाली रात कौन सोता है
सुप्रभात शुभ दिन

This picture was submitted by Smita Haldankar.

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